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नई किरण पब्लिक सेल्फ केयर टीम-उत्तर प्रदेश

  • क्या है नई किरण पब्लिक सेल्फ केयर टीम,(NKPSCT)

NKPSCT जनता द्वारा बनाया गया है जो कि जनता के हित के लिए है। यह एक ऐसा समूह(संगठन) है जिसमें संगठन से जुड़े लोगों की आकस्मिक दुर्घटना या बीमारी से मृत्यु हो जाने पर उनके परिवार को आर्थिक सहायता देने हेतु बनाया गया है। जो सीधे मृतक के नामिनी के खाते में फोनपे, गूगलपे, नेट बैंकिंग या बैंक द्वारा भेजना है। जो पीड़ित परिवार के दर्द में खड़े होने अथवा दुख में आंसू पोंछने का सौभाग्य संगठन के लोगों को मिलता है।

इसमें कौन जुड़ सकता है।

इस संगठन में उत्तर प्रदेश के सरकारी अर्द्ध सरकारी व गैर सरकारी, मजदूर, किसान बिजनेस मैन सभी लोग जुड़ सकते हैं जिसकी उम्र सीमा 18 वर्ष से 60 वर्ष के बीच हो। उम्र का मानक आधार कार्ड से लिया जाएगा। संगठन में जुड़कर एक-दूसरे के आंसू पोंछने का काम कर सकते हैं। इससे बड़ी कोई दूसरी पूंजी नहीं हो सकती है।

नई किरण पब्लिक सेल्फ केयर का लक्ष्य

NKPSCT का लक्ष्य है कि प्रदेश सभी जनता इस संगठन से जुड़े तथा संगठन के किसी भी वैधानिक सदस्य की असामायिक मृत्यु पर उसके परिवार को सहयोग किया जा सके, यही हमारा लक्ष्य है।

NKPSCT में कैसे जुड़े

NKPSCT में जुड़ने के लिए प्ले स्टोर पर जाकर एप डाउनलोड करके उसमें रजिस्ट्रेशन करके जुड़ सकते हैं और हमारी वेबसाइट पर जा कर गूगल से जुड़ सकते हैं। रजिस्ट्रेशन करने के बाद आपको ग्रुप पर नजर रखनी होगी। किसी साथी की मृत्यु पर उसके परिवार का सहयोग करके रसीद अपलोड करनी होगी।

सहयोग करने पर ही सहयोग मिलेगा।

सदस्यता शुल्क

NKPSCT में जुड़ने के लिए कोई सदस्यता शुल्क नहीं देना है। सदस्यता नि:शुल्क  है।

व्यवस्था शुल्क

व्यवस्था शुल्क 100 रु निर्धारित है जो कि समिति के खाते में ऑनलाइन लिया जाता है। जो साल में एक बार लिया जाता है। व्यवस्था शुल्क तीन महीने में देना अनिवार्य है तभी आप वैधानिक   सदस्य होंगे। व्यवस्था शुल्क से ही विभिन्न प्रकार की व्यवस्थायें जरूरतें पूरी की जाती हैं। 
जैसे- एप का खर्चा, वेबसाइट का खर्चा टीम द्वारा संगठन को आगे बढ़ाने के लिए, मीटिंग खर्चा, पैम्पलेट, कम्प्यूटर कम्प्यूटर ऑपरेटर एवं ऑफिस का खर्च इसी व्यवस्था से पूरा किया जाता है।

नोट- अधिक जानकारी के लिए हमारी नियमावली देखें।


मुख्य नियम (जनता हेतु)

  1. NKPSCT में यूपी के सभी लोग जुड़ सकते हैं। जो लोग उम्र के दायरे में आते हैं।
  2. NKPSCT में जुड़ने के लिए आवश्यक सूचना संबंधी फार्म भरकर रजिस्ट्रेशन किया जाना अनिवार्य है। साथ ही आगे चलकर टेलीग्राम पर जानकारी के लिए सप्ताह में नजर रखनी होगी जिससे संगठन के सभी लोगों की जानकारी प्राप्त होती रहे। कोई भी सदस्य अगर टेलीग्राम ग्रुप नियमत: नहीं देखता है और संबंधित सूचनाएं यदि नहीं प्राप्त करता तो संबंधित सदस्य स्वयं जिम्मेदार होगा। NKPSCT में प्रथम दिवस से ही नियम है कि जो सहयोग करेगा उसी को सहयोग मिलेगा।
  3. NKPSCT में सदस्यता पूरी तरह से नि:शुल्क है। टीम(संगठन) में जुड़ने के लिए कोई शुल्क नहीं लगता है। बस मृतक सदस्यों के परिवार को सहयोग करना  है। (यह नियम स्थापना के समय से लागू होगा)
  4. NKPSCT का कोई भी सदस्य यदि किसी अन्य संगठन का प्रचार या उससे जुड़ता है तो उसकी NKPSCT से सदस्यता खत्म कर दी जाएगी तथा पूर्व में किए गए सहयोग के बदले किसी भी प्रकार के लाभ का दावा नहीं कर सकेगें। टीम के किसी भी पदाधिकारी के साथ अभद्रता या डराने-धमकाने वाले की भी सदस्य की  सदस्यता समाप्त कर दी जाएगी। वैसे भी NKPSCT मदद का मंच है लाभ का नहीं।
  5. NKPSCT द्वारा हेल्पलाईन नंबर दिया जाएगा जो सदस्यों की सुविधा हेतु जारी किया जाएगा। जिस पर व्हाटसऐप कालिंग के माध्यम से जानकारी आदान-प्रदान की जा सकेगी। कोई भी सदस्य इस नंबर पर बात कर सकता है या मैसेज करके सूचना ले सकता है।
  6. इस संगठन में जुड़ने के बाद 3 महीने का लॉकिंग पीरियड होगा। (लॉकिंग पीरियड का मतलब) जब आप 3 महीने निरंतर सहयोग करते हैं(90 दिन) चौथे महीने (91वें) दिन आपके साथ आकस्मिक मृत्यु होती है तो ही आपको लाभ मिलेगा। आगे चलकर कमेटी इस बदलाव के लिए पूर्ण स्वतंत्र होगी। स्थापना दिवस से ही यह नियम लागू होंगे।
  7. गम्भीर बीमार की स्थिति में लॉकिंग पीरियड 09 महीने का होगा। यदि किसी सदस्य द्वारा रजिस्ट्रेशन करते समय या बाद में किसी गम्भीर बीमारी हो जाने पर अपनी प्रोफाइल में दर्ज/अपडेट नहीं करता है तो तत्थगोपन की श्रेणी में मानते हुए उसका सहयोग किया जाना संभव नहीं होगा। गम्भीर बीमारियों की श्रेणी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा सूचीबद्ध की गई बीमारियों से मान्य होगी।
    नोट- छुपाए जाने पर टीम की जाँच रिपोर्ट को ही अंतिम फैसला माना जाएगा। उस पर किसी प्रकार का कानूनी दावा स्वीकार नहीं किया जाएगा। गम्भीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु होने पर अगर मृत्यु का कारण कुछ और दर्शाया जाता है तो उसके पुख्ता प्रमाण देने होंगे अगर टीम उस प्रमाण से संतुष्ट होगी तो ही माना जाएगा अन्यथा बीमारी माना जाएगा। इस तरह के मामलों में अंतिम निर्णय लेने का अधिकार पूरी तरह से टीम के पास होगा। उदाहरण- अगर किसी व्यक्ति को कैंसर है या किडनी खराब है और उसका इलाज चल रहा है ऐसी स्थिति में अगर इलाज के दौरान हार्टअटैक का दावा करता है तो उसको गम्भीर बीमारी का ही इलाज माना जाएगा। मृत्यु के अलग कारण का मतलब है- बीमारी के इलाज के दौरान किसी प्रकार की दुर्घटना आदि से है।(सड़क दुर्घटना, लू लग जाना, नदी में डूब जाना आदि) समस्त नियम स्थापना दिवस के समय से लागू होंगे। 
  8. NKPSCT कोर टीम सहयोग के आव्हान हेतु अपने स्वविवेक का भी इस्तेमाल करके निर्णय लेने को भी स्वतंत्र होगी। वैधानिकता या किसी भी प्रकार के मामलों में जहां उचित समझेगी अपने स्तर से परीक्षण करने को स्वतंत्र होगी। कोई भी सदस्य नामिनी सहयोग प्राप्त करने हेतु कानूनी दावा, अधिकार नहीं कर सकेगा। बल्कि संस्था नैतिक रूप से सहयोग करवाने का प्रयास करेगी।
  9. NKPSCT में मृतक सदस्यों के एक से अधिक नामिनी होने की स्थिति में दूसरे नामिनी को सहयोग सुनिश्चित करने हेतु स्वविवेक एवं स्वत: हस्तक्षेप करने को स्वतंत्र होगी। जिस पर लाभार्थी द्वारा किसी प्रकार की कानूनी या गैर कानूनी कदम नहीं उठाया जा सकेगा। लाभार्थी या उसके परिवार द्वारा संस्था के प्रति मिथ्या आरोप लगाने/भ्रम फैलाने/दुष्प्रचार करने या दुर्व्यवहार करने पर सहयोग की गई राशि वापस करवाकर किसी अन्य मृतक परिवार को हस्तान्तरित करवाने का अधिकार ऐसे मामलों में टीम कानूनी कार्यवाही भी करने के लिए स्वतंत्र होगी।
  10. सहयोग के दौरान या उसके बाद यदि किसी सदस्य द्वारा गलती से ज्यादा राशि किसी सहयोग हो रहे नामनी के खाते में चली जाती है तो नामिनी को वो राशि वापस करनी होगी। अधिक भेजी गई राशि का साक्ष्य देना होगा।
  11. NKPSCT में सहयोग प्राप्त करने हेतु निरंतर सहयोग करना अनिवार्य है। सहयोग की गई राशि की रसीद अपलोड करना अनिवार्य होगा तभी आपको सहयोग मिलेगा अन्यथा की स्थिति में आप ही जिम्मेदार होंगे।
  12. नोट- अगर आप एक भी सहयोग नहीं करते हैं तो आपको 3 महीने के लिए अवैध हो जाएंगे। जब आप पुन: सहयोग करेंगे उसके बाद आप फिर से वैधानिक सदस्य बन जाएंगे। बीच के 3 महीने आपको कुछ भी होता है तो आपको कोई लाभ नहीं मिलेगा। इसलिए निरंतर सहयोग करना जरूरी है तभी सहयोग मिलेगा।
  13. जो सदस्य किसी कारणवश सहयोग नहीं कर पाए तो उनको एक या दो बार मौका दिया जाएगा। अगर कोई सदस्य बार-बार सहयोग नहीं करता तो उसे हमेशा के लिए संगठन से बाहर कर दिया जाएगा।
  14. नियमावली में जरूरत पड़ने पर परिवर्तन करने के लिए  टीम पूरी तरह से स्वतंत्र होगी।
  15. यदि कोई सदस्य पूर्व में सहयोग नियमित कर रहा था किन्तु चल रहे सहयोग की शुरु होने की तिथि से खत्म होने की तिथि के बीच सहयोग नहीं किया जाता है तो और उसी दौरान उसकी मृत्यु हो जाती है तो उसे लाभ दिया जाएगा।
  16. सुसाइड की स्थिति में संगठन के किसी भी सदस्य की मृत्यु होने पर भी सहयोग नहीं दिया जाएगा।
  17. यदि एक से अधिक सदस्य की मृत्यु होने पर तिथि के क्रम में सहयोग किया जाएगा किन्तु एक ही तिथि पर मृत्यु होने पर जिसने पहले ज्वाइन किया है सहयोग पहले उसी को दिया जाएगा। फिर इसके बाद दूसरे सदस्य को सहयोग होगा।
  18. NKPSCT सहयोग सीधे मृतक के नामिनी के खाते में करवाती है। इसलिए किसी भी प्रकार की न्यायिक चुनौती देने का अधिकार किसी भी व्यक्ति या सदस्य के पास नहीं होगा।
  19. NKPSCT किसी को भी दबाव बनाकर नहीं जोड़ती है। जिसकी भी स्वेच्छा हो जुड़ सकता है। मृतक के घर सहयोग करके कुछ दर्द कम कर सकता है।  गाइडलाईन के आधार पर जो सदस्य वैधानिक होगा उसी को लाभ दिया जाएगा।
  20. रजिस्ट्रेशन की तारीख से 3 महीने लॉकिंग पीरियड रहेगा (90दिन) तीन महीने बाद ही आप वैधानिक सदस्य होंगे उसके पहले किसी भी सदस्य को सहयोग नहीं मिलेगा। पहले सदस्य की मृत्यु पर कोई सहयोग जरूरी नहीं है केवल लॉकिंग पीरियड तीन महीने होना जरूरी है। अगर समिति का कोई भी पदाधिकारी अराजकता या हिंसा या किसी भी प्रकार की अवहेलना करता है तो नई किरण पब्लिक सेल्फ केयर टीम के पदाधिकरी उसके पद से कभी भी हटा सकती है। यह पावर समिति के पास होगा। कुछ संगठन से जुड़े सदस्यों को भी सलाहकर्ता के रूप में भी बोलने या विचार रखने का अवसर दिया जाएगा। 
  21. किसी भी नशे की स्थिति में मृत्यु होने पर रिपोर्ट में नशे की पुष्टि होने पर सहयोग नहीं दिया जाएगा।

किसी भी निर्णय की स्थिति में वेबसाइट पर अपलोड प्रति ही मान्य होगी।

सदस्यों द्वारा अपना सहयोग सीधा मृतक के नामिनी को दिया जाता है अत: आपके द्वारा दिये गए सहयोग के बदले सहयोग प्राप्त करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं होगा यह पूरी तरह सदस्यों की मर्जी पर निर्भर रहेगा। टीम द्वारा अपील करने करने पर सहयोग कम ज्यादा आने पर या ना आने की दशा में टीम जिम्मेदार नहीं होगी। क्योंकि टीम सिर्फ सहयोग की अपील करती है। अत: किसी तरह की देनदारी के लिए कानूनी अधिकार मान्य नहीं होगी। कोई तथ्य छुपाकर या बिना पात्रता पूरी किए जुड़ जाता है और सहयोग कर देता है तो उसका दावा मान्य नहीं होगा। 

नोट- यदि किसी सदस्य को गंभीर बीमारी है और उसकी मृत्यु किसी अन्य कारणों से होती है तो उसे अन्य कारण का संतोषजनक साक्ष्य प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा ऐसे प्रकरणों में प्रदेश कोर टीम संस्थापक मण्डल निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होगा।

हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट दोनों अलग प्रकार के प्रकरण होते हैं। अत: गंभीर बीमारी के इलाज के दौरान हुए कार्डिएक अरेस्ट को हार्ट अटैक की श्रेणी में नहीं माना जाएगा इसलिए तत्संबंधी प्रकरणों में विषयानुरूप और परिस्थिति के अनुरूप निर्णय लिए जाएगें।

यह सारे नियम स्थापना दिवस से ही लागू होंगे। समय-समय पर नियमों में बदलाव होते रहते हैं। नवीनतम नियमावली के लिए वेबसाइट पर जाएं। वेबसाइट पर वर्णित नियमावली ही अंतिम और सर्वमान्य होगी।

नोट- संगठन में जुड़े हुए लोगों की 60 वर्ष उम्र होने के बाद उनकी सदस्यता समाप्त हो जाएगी एवं किसी भी प्रकार की सहयोग के लिए अपात्र हो जाएंगे।

NKPSCT आज का सहयोग, कल का सहारा

सेवा परमोधर्म:

नोट- किसी भी समस्या का समाधान करने हेतु जैसे अध्यक्ष, सह-संस्थापक, प्रबंधक अंतिम निर्णय लेने में समर्थ होंगे।

  • इसके अतिरिक्त समिति सभी सदस्यों को व्यवस्था शुल्क हेतु आयी धनराशि से निम्नलिखित सुविधाएं प्रदान करती है-
  1. वेबसाइट के निर्माण और संचालन में।
  2. ऐप बनवाने और संचालन में।
  3. एसएमएस सुविधा उपलब्ध कराने में।
  4. एक ऑफिस और एक टेक्निकल ऑपरेटर रखने में जो आपको तकनीकी मदद देगा।
  5. स्थलीय निरीक्षण करने में।
  6. NKPSCT में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने के अभियान में।
  7. समय-समय पर नई तकनीकी का इस्तेमाल में ताकि प्रक्रिया पारदर्शी के साथ-साथ आसान बन सके।
  8. मृतक के घर जाकर उसके अंतिम संस्कार में पहुंचने में।

    भविष्य में जरूरतों को देखते हुए नियमों में परिवर्तन का अधिकार NKPSCT के पास होगा। विवादास्पद की स्थिति में कोर टीम के पास निर्णय लेने का अधिकार सुरक्षित होगा। किसी भी निर्णय की स्थिति में वेबसाइट पर अपलोड नियमावली की प्रति ही मान्य होगी।